परम गुरुओ के आर्शीवाद से आज आँजणा समाज ....

शिकारपुरा

समस्त जाति भाइयों को जय राजेश्वर भगवान की।

किसी कवि ने ठीक ही कहा है कि- संत आध्यात्मिक जगत के दीपस्तम्भ होते है और आम जन उनसे अलौकिक प्रकाश प्राप्त कर अपने जीवन का मार्ग प्रशस्त करते है। संतों की कृपा से ही हम लोग लौकिक आनन्द के साथ साथ पारलौकिक आनन्द भी प्राप्त कर रहे है।

संत धरा पर मानव मात्र के कल्याण के लिए जन्म लेते है।
इसी कड़ी में अपने कलबी पटेल समाज में संत श्री राजाराम जी महाराज भगवान स्वरूपा अवतरित हुए और समाज के उद्वारक बने। ब्रह्मलीन श्री देवाराम जी ने अपनी तपस्या के बल पर गुरुनाम का सवरण करते हुए समाज हित में सतगुरु किशनाराम जी महाराज को समाज सुधारक की भूमिका का निर्वाह करते हुए श्री किशनाराम जी महाराज ने गुरु आज्ञा का पालन कर कलबी पटेल समाज को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाते हुए एकता के सूत्र में पिरोया। समाज युगों युगों तक ऋणी है। चौथी पीढ़ी के रूप में गुरुगादी आसीन हुए महंत श्री दयाराम जी महाराज भी परम् गुरुओ के आदर्शो पर चलते हुए समाज में व्याप्त कुप्रथाओ का उन्मूलन करने का दृढ सन्कल्प लिया । तथा शिक्षा के नये आयाम स्थापित किये।

अतः अपने आस्था के ह्रदयस्थल संत श्री राजारामजी आश्रम तीर्थधाम शिकारपुरा से जुड़े रहे। किसी भी तरह का भटकाव नही ले। बहकावे में नही आये। अपने समाज के ही कुछ समाज विरोधी तत्व राजनीतिक छोला पहनकर नए नए हथकण्डो को अपनाकर स्वार्थ का ऊलू सीधा करने मे लगे हुए है और हम सब की आस्था को भी ठेस पहुचाने की भी कोशिश की जा रही है । तथा समाज को दो भागो में बाँट कर अपनी रोटियां सेकने की नाकाम कोशिश की जा रही है। इसलिए आप सभी युवा साथी सावधान रहे। मेरा यही आप लोगो से निवेदन है।
क्योकि जिस समाज का केंद्र मजबूत होता है उस समाज का चारो दिशाओ में विकास होता है। www.aanjanasamaj.org

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