समाज में गुरु का महत्व

सनातन धर्म में गुरु का स्थान भगवान से भी सर्वोच बताया गया है । परमात्मा को प्राप्त करने का मार्ग गुरु ही बताते है और यदि गुरु समाज का आराध्य हो तो उसका कहना ही क्या ..? आँजणा समाज के अवतार श्री राजारामजी महाराज का समाधी स्थल होने के साथ ही अपने गुरूद्वारे के रूप में अगाध श्रदा का केंद्र समाज में बना हुआ है । समाज का शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जिसने अपने गुरूद्वारे में शीश नहीं नवाया हो । अधिकांश लोग तो ऐसे है की प्रति वर्ष कम से कम एक बार तो गुरूद्वारे के दर्शन करने हेतु जाते ही है । विशेषता की बात यह है की समाज बन्धुओ द्वारा अपनी श्रदा से इतना योगदान दिया जाता है की योगदान किसी से मांगने की जरुरत ही नहीं पड़ती ।