गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरूर्देवो महेश्वरः ।
गुरुः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः ।।

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रबी की फसल - जौ

जौ की खेती सिंचाई एवं उर्वरक के सीमित साधन एवं असिंचित दशा में गेहूं की अपेक्षा अधिक लाभप्रद है, असिंचित उसरीली तथा बिलम्ब से बुवाई के स्थानों पर जौ की खेती अत्यधिक लाभदायक सिद्ध हुई है, जौ की खपत भारत में मौजूदा स्थित या समय में बहुत कम है, लेकिन इसकी पैदावार औषधि के रूप में प्रयोग की जाती है, खास कर जिन लोगों को डायबिटीज होती है, उनके लिए ये खाने के लिए बहुत ही लाभदायक सिद्ध हुई है

प्रजातियाँ..

जौ की खेती के लिए कौन सी उन्नतशील प्रजातियाँ हैं, जिन्हें आपको बोना है?

जौ की उन्नतशील प्रजातियाँ तीन प्रकार की पाई जाती हैं,एक तो-

रबी की फसल - गेंहू

भारत में गेहूँ एक मुख्य फसल है, गेहूँ का लगभग 97% क्षेत्र सिंचित है, गेहूँ का प्रयोग मनुष्य अपने जीवन यापन हेतु मुख्यत रोटी के रूप में प्रयोग करते हैं, जिसमे प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पायी जाती हैI भारत में पंजाब,हरियाणा , राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश मुख्य फसल उत्पादक क्षेत्र हैं

प्रजातियाँ..

श्री राजेश्वर भगवान का १३४ वा जन्मोत्सव पर्व धूमधाम से सम्पन

जोधपुर के निकटवर्ती शिकारपुरा में स्थित श्री राजारामजी आश्रम में शुक्रवार को श्री राजारामजी महाराज की 134 वीं जयंती का कार्यक्रम धूमधाम से संपन्न हुआ । शुक्रवार को जयंती के अवसर पर सुबह पूजा-अर्चना के साथ यज्ञ का आयोजन हुआ। साथ ही प्रसादी वितरण में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पंगत प्रसादी ग्रहण की। इस अवसर पर महिलाओं,बच्चों,पुरूषों ने जमकर खरीददारी की साथ ही आश्रम परिसर में स्थित संत राजारामजी,कृष्ण मंदिर सहित अन्य मंदिरों में दर्शन कर खुशहाली की कामना की। दर्शन के लिए देर शाम तक भक्तों की कतार लगी रही। नेशनल हाईवे 65 सहित आश्रम की ओर आ रहे सभी मार्गों पर दूरदराज व आसपास से आने जाने वाले

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