श्री राजारामजी महाराज का जन्म चैत्र शुल्क ९ संवत १९३९ को, जोधपुर तहसील के गाँव शिकारपुरा में, अंजना कलबी वंश की सिह खांप में एक गरीब किसान के घर हुआ था | जिस समय राजारामजी की आयु लगभग १० वर्ष थी तक राजारामजी के पिता श्री हरिरामजी का देहांत हो गया और कुछ समय बाद माता श्रीमती मोतीबाई का स्वर्गवास हो गया |
प्रमुख गुरु परिचय
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श्री 1008 देवारामजी महाराज का जीवन परिचय |
महंत श्री श्री १००८ संत शिरोमणि श्री किशनाराम जी महाराज शिकारपुरा (लूनी) पीठाधीश महंत श्री किशनाराम जी महाराज का ननिहाल रोहिचा (कल्ला) में भाखररामजी कुरड के यंहा माता श्रीमती चुन्नीबाई की कोख से दिनांक २० अक्टूम्बर, १९३० को जन्म हुआ | किशनारामजी के पिताजी का नाम वजारामजी ओड सुपुत्र श्री विरमारामजी हैं जो (लूनी) के रहने वाले हैं | |
जिला जोधपुर, तहसील लूणी के गांव धुंधाड़ा में श्री शेरारामजी काग के सुपुत्र श्री लाबुरामजी एवं उनकी धर्म पत्नि श्रीमति मांगीदेवी के सुपुत्र सुजारामजी मात्र 10 वर्श की उम्र में ही श्री किशनारामजी के आदेश पर शिकारपुरा आ गए थे। श्री शेरारामजी काग गांव में प्रभावशाली व्यक्तित्व के धनी थे। जागीरदारी प्रथा की समाप्ति के बाद भूमि सेटलमेंट में उन्होने मुख्य भूमिका निबाही थी। उनके 4 पुत्रों में श्री लाबुरामजी तीसरे थे। एक सभा में श्री किशनारामजी महाराज ने श्री लाबूरामजी से पूछा कि आपके कितने पुत्र हैं तो उन्होने 3 पुत्र होने की बात कही। श्री किशनारामजी महाराज ने ग्राम सभ |